‘विद्रोही‘ कविता की रचना काजी नजरूल इस्लाम ने की थी। काज़ी नज़रुल इस्लाम बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी तथा बांग्ला देश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बांग्ला देश दोनों ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको 'विद्रोही कवि' के नाम से जाना जाता है।