पूर्णिमा तथा अमावस्या को उच्च ज्वार का अनुभव किया जाता है, निम्न ज्वार की उत्पत्ति कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की अष्टमी को होती है। जब सूर्य, पृथ्वी तथा चंद्रमा संपूर्ण बनाते हैं तो चंद्रमा सूर्य का आकर्षण बल एक-दूसरे के विपरीत कार्य करता है, जिसके कारण निम्न ज्वार (Neap Tide) का अनुभव होता है! यह स्थिति कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की सप्तमी या अष्टमी को देखी जा सकती है!