संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग ही संसाधन नियोजन है। वर्तमान परिवेश में संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग हमारे सामने चुनौती बनकर खड़ा है। संसाधनों के विवेकपूर्ण दोहन हेतु सर्वमान्य रणनीति तैयार करना संसाधन नियोजन की प्रथम प्राथमिकता है।
संसाधन नियोजन किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक होता है । भारत जैसे देश के लिए तो यह अपरिहार्य है, जहाँ संसाधन की उपलब्धता में अत्यधिक विविधता के साथ-साथ सघन जनसंख्या व्याप्त है। यहाँ कई ऐसे प्रदेश हैं, जो संसाधन सम्पन्न हैं । पर; कोई ऐसे भी प्रदेश हैं जो संसाधन की दृष्टि से काफी विपन्न हैं। कुछ ऐसे भी प्रदेश हैं; जहाँ एक ही प्रकार के संसाधनों का प्रचुर भंडार है और अन्य दूसरे संसाधनों में वह गरीब है। अतः राष्ट्रीय, प्रांतीय तथा अन्य स्थानीय स्तरों पर संसाधनों के समायोजन एक संतुलन के लिए संसाधन-नियोजन की अनिवार्य आवश्यकता है।