असेम्बली भाषा द्वितीय पीढ़ी की भाषा है। इस भाषा में मशीनी भाषा के बाइनरी अंकों के स्थान पर कुछ याद रखने योग्य सिम्बल का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें निमॉनिक (Mnemonic) कहा जाता है। यह भाषा मैक्रो बनाने व उसका प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करती है। असेम्बली भाषा को कम्प्यूटर द्वारा समझना सम्भव नहीं है, इसलिए असेम्बलर द्वारा इस भाषा को मशीनी भाषा में बदला जाता है। एक बार मशीनी भाषा में परिवर्तित होने के पश्चात् ही प्रोग्राम का क्रियान्वयन सम्भव होता है। असेम्बली भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को सोर्स प्रोग्राम कहते हैं तथा मशीनी भाषा में परिवर्तित होने के बाद जो कोड प्राप्त होता है, उसे ऑब्जेक्ट प्रोग्राम कहा जाता है।