लोकतंत्र की स्थापना में महिलाओं ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष भूमिकाओं से अपनी भागीदारी दी।
प्रमुख महिलाओं में भीखाजी कामा, जो राष्ट्रीय आंदोलन में तिरंगा लहराने वाली प्रथम महिला थीं, नलनीसेन गुप्ता 1933 ई. में कांग्रेस पार्टी की महिला अध्यक्षा बनी और स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कल्पना दत्त ने चटगाँव विद्रोह के समय महत्वपूर्ण कार्य निभाते हुए स्वतंत्रता संग्राम को गति दी। रानी लक्ष्मीबाई के योगदान को सारा विश्व जानता है। बंगाल की क्रांतिकारी प्रीतिलता वादेदार ने सूर्यसेन के नेतृत्व में चटगाँव में हुए विद्रोह में अपनी जान की बलि दे दी और भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गयीं।