रिटर द्वारा रचित अर्डकुण्डे (Erdkunde) नामक ग्रन्थ में महाद्वीपों के प्रादेशिक अध्ययन का उल्लेख है। रिटर ने भूगोल को 'अर्डकुण्डे' या भूविज्ञान घोषित किया था जिसमें स्थानीय दशाओं, सामयिक एवं औपचारिक तथा भौतिक विषमताओं के संदर्भ में स्थानों की विशेषताओं को सम्मिलित किया जाता है। रिटर बर्लिन विश्वविद्यालय में भूगोल के प्रोफेसर थे और 'अर्डकुण्डे' (Erdkunde) नामक प्रतिष्ठित ग्रंथमाला प्रकाशित किया था