नैपोलियन तृतीय ने अपने प्रभुत्व व प्रतिष्ठा की वृद्धि के लिए हॉलैंड के शासक से लक्सेम्बर्ग खरीदने की सहमति प्राप्त की। किन्तु हस्तांतरण की योजना जर्मनी में प्रकट हो गई। जिससे फ्रांस का विरोध होने लगा। ऐसे में हॉलैण्ड ने भी लम्सेम्बर्ग हस्तांतरित करने से इन्कार कर दिया। फलतः फ्रांस में बिस्मार्क के विरूद्ध तीव्र प्रतिक्रिया हुई।
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