भगत सिंह विद्यार्थियों को राष्ट्र के विकास का महत्त्वपूर्ण कारण मानते हैं । उनका विचार रहा है कि छात्रों को अपने दायित्व का निर्वाह पूर्ण निष्ठा से करना चाहिए । सच्ची लगन, निष्ठा. सच्चरित्रता एवं नैतिक गुणों को अपने जीवन का आदर्श बनाना चाहिए तथा अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दमा चाहिए । राष्ट्र को परतन्त्रता की बेड़ियों से मुक्त कराना भी एक प्रकार स उनकी शिक्षा का एक अंग है । भगत सिंह के शब्दों में, “यह हम मानते है कि विद्यार्थियों का मुख्य कार्य पढ़ाई करना होता है, उन्हें अपना पूरा ध्यान उस ओर लगा देना चाहिए, लेकिन क्या देश की परिस्थितियों का ज्ञान और उनके सुधार के उपाय सोचने की योग्यता पैदा करना उस शिक्षा में शामिल नहीं है।