लहना सिंह अपनी किशोरावस्था में एक अन्जान लड़की के प्रति “आशक्त हआ था किन्तु वह उससे प्रणय सूत्र में नहीं बन्ध सका । कालान्तर में उस लडकी का विवाह सेवा में कार्यरत एक सुबेदार से हो गया। लहना सिंह सेना में भर्ती हो गया । अचानक अनेक वर्षों के बाद उसे ज्ञात हुआ कि सुबेदारिन ही वह लड़की है जिससे उसने कभी प्रेम किया था सुबेदारिन ने उससे निवेदन किया कि वह उसे पति तथा सेना में भर्ती एकमात्र पुत्र बोधा सिंह की रक्षा करेगा। लहना ने कहा था कि वह उस वचन को निभायेगा और अपने प्राणों का बलिदान कर उसने अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया । यही उसका वास्तविक प्रेम था ।