तोता-ए-हिन्द के उपनाम से अमीर खुसरो को जाना जाता है | इनके तीन पुत्रों में अबुलहसन (अमीर खुसरो) सबसे बड़े थे | बरस की उम्र में वे दिल्ली लाए गए। 8 बरस की उम्र में वे प्रसिद्ध सूफ़ी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शिष्य बने। 16-17 साल की उम्र में वे अमीरों के घर शायरी पढ़ने लगे थे। एक बार दिल्ली के एक मुशायरे में बलबन के भतीजे सुल्तान मुहम्मद को ख़ुसरो की शायरी बहुत पसंद आई और वो इन्हें अपने साथ मुल्तान (आधुनिक पाकिस्तानी पंजाब) ले गया।