जैव-विकास में उत्परिवर्तनों का महत्व आनुवंशिक विभिन्नताएं है | आनुवंशिक विविधता का आशय एक ही प्रजाति के विभिन्न जीवों के जीनों में होने वाले परिवर्तन से है। इसके कारण ही जीवों में भिन्न-भिन्न नस्लें देखने को मिलती हैं। यह विविधता ही जीवों को किसी दूसरे पर्यावरण के अनुकूल स्वयं को ढालने में सहायता करती है और विलुप्त होने से बचाती है। 19वीं सदी में आयरलैंड में भी ऐसे ही एक घटना हुई थी, जिसमें फसलों में विविधता न रखना बहुत विनाशकरी सिद्ध हुआ।