राज्यसभा का अध्यक्ष उस सदन का सदस्य नहीं होता। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। ध्यातव्य है कि संविधान में उपराष्ट्रपति के लिए किसी प्रकार की जिम्मेदारी, वेतन एवं भत्ते का उल्लेख नहीं है। इसलिए वह राज्यसभा के सभापति के रूप में दायित्वों का निर्वहन करते हुए उसी रूप में वेतन एवं भत्ते प्राप्त करता है।