वर्ष 1977 मे
भारतीय संसद के सदनों में विपक्ष का नेता एक वैधानिक पद होता है।
संसद अधिनियम, 1977 में इस पद में विपक्ष के नेताओं के वेतन और भत्तों को परिभाषित किया गया है ।
उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। ब्रिटिश संसद में, विपक्ष के नेता को 'छाया प्रधान मंत्री' के रूप में संदर्भित किया जाता है, क्योंकि अगर सरकार गिरती है तो वह सरकार को संभालने के लिए हमेशा तत्परता की स्थिति में होता है।