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Sarthak yadav in General Knowledge
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चन्द्रगुप्त मौर्य अपने अंतिम दिनों के बारे में बताओ |

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Sarthak yadav
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चन्द्रगुप्त मौर्य अपने अंतिम दिनों में जैन धर्म का अनुयायी बन गया था | जैन धर्म श्रमण परम्परा से निकला है तथा इसके प्रवर्तक हैं 24 तीर्थंकर, जिनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) तथा अन्तिम तीर्थंकर महावीर स्वामी हैं। जैन ईश्वर को मानते हैं जो सर्व शक्तिशाली त्रिलोक का ज्ञाता द्रष्टा है पर त्रिलोक का कर्ता नही | जैन धर्म में जिन या अरिहन्त और सिद्ध को ईश्वर मानते हैं। अरिहंतो और केवलज्ञानी की आयुष्य पूर्ण होने पर जब वे जन्ममरण से मुक्त होकर निर्वाण को प्राप्त करते है तब उन्हें सिद्ध कहा जाता है।

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