आलम आरा'
. ये भारत की पहली बोलती फ़िल्म (टॉकी) थी.
हालांकि इससे पहले भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के ने भी फ़िल्मों में आवाज़ डालने के कई प्रयास किए थे लेकिन वो क़ामयाब नहीं हो पाए
फ़िल्मों के इतिहास की गहरी समझ रखने वाले जानेमाने समीक्षक फ़िरोज़ रंगूनवाना की मुलाक़ात 50 के दशक में आलम आरा के निर्देशक आर्देशिर ईरानी से हुई थी.