उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज करता है। इस पद पर चुना गया व्यक्ति जनप्रतिनिधियों की पसंद होता है।
संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनित) एकल संक्रमणीय मत द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर मतदान के माध्यम से करते हैं। यह मत गोपनीय होता है। राष्ट्रपति चुनाव के विपरित राज्य विधानमंडल के सदस्य इसमें भाग नहीं लेते हैं।
उपराष्ट्रपति पद के लिए अभ्यर्थी का नाम 20 मतदाताओं के द्वारा प्रस्तावित और 20 मतदाताओं के द्वारा समर्थित होना आवश्यक है। साथ ही अभ्यर्थों द्वारा 15,000 रुपए की जमानत राशि जमा करना आवश्यक होता है। प्रत्याशी निर्वाचन अधिकारी को लिखित में नोटिस देकर नाम वापस भी ले सकता है