पानीपत के युद्ध में बाबर की जीत का मुख्य कारण उसकी सैन्य कुशलता थी । पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर, 1556 को उत्तर भारत के हिंदू शासक सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य (लोकप्रिय नाम- हेमू ) और अकबर की सेना के बीच पानीपत के मैदान में लड़ा गया था। अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिये यह एक निर्णायक जीत थी।