कौटिल्य
अर्थशास्त्र" पुस्तक की रचना आचार्य चाणक्य ने की थी जिन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है। यह पुस्तक मुख्य रूप से तत्कालीन राज्य की आदर्श व्यवस्था के लिए मार्गदर्शिका के रूप में लिखी गयी थी। पुस्तक राजनीति, दण्ड विधान, अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, नागरिक शास्त्र, नीति शास्त्र, सैन्य विज्ञान एवं दर्शन शास्त्र विषयों से सम्बन्धित है।