हरिजन सेवक संघ की स्थापना महात्मा गांधी ने 1932 में की थी | महात्मा गाँधी ने पुणे की यरवदा जेल में रहते हुए ब्रिटिश सरकार द्वारा दलितों के लिए पृथक निर्वाचन की पद्धति स्वीकृत किये जाने के विरुद्ध 20 सितम्बर 1932 को उपवास शुरू किया| महात्मा गाँधी तथा ब्रिटिश सरकार के बीच हुए पत्र-व्यवहार के प्रकाशित होते ही उनके 20 सितम्बर से उपवास शुरू होने की खबर अख़बारों में आ गयी, जिसकी देशभर में व्यापक प्रतिक्रिया हुई| महात्मा गाँधी ने अपने वक्तव्य में हरिजन शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया तथा लिखा, " हिन्दुस्तान में जो सबसे सबसे अधिक दुःख में पड़े हुए हैं, उन्हें हरिजन कहना यथार्थ है| हरिजन का अर्थ है, ईश्वर का भक्त, ईश्वर का प्यारा|