8 अगस्त 1942 को बंबई के ग्वालिया टैंक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने प्रस्ताव पारित किया था जिसे भारत छोड़ो प्रस्ताव कहा गया। भारत छोड़ो आंदोलन के शुरू होते ही गांधी, नेहरू, पटेल, आजाद समेत कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। अंग्रेजी हुकूमत इतना डर गई थी कि उसने एक भी नेता को नहीं बख्शाा। दरअसल अंग्रेजों की सोच ये थी कि बड़े नेताओं की गिरफ्तारी से आंदोलन ठंडा पढ़ जाएगा। देश के अलग अलग हिस्सों में राष्ट्रीय सरकारों का गठन हुआ। यूपी का बलिया, महाराष्ट्र का सतारा और अविभाजित बंगाल का हजारा भारत छोड़ो आंदोलन के महत्वपूर्ण केंद्र थे।