छुआछूत हमारे देश की सामाजिक बुराई है। यह हमारे समाज पर कलंक है। हमारा संविधान अनुच्छेद 17 के तहत अस्पृश्यता को समाप्त करता है। यह आगे घोषणा करता है कि छुआछूत कानून के तहत दंडनीय अपराध है।
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