भौतिकी में चुम्बकत्व वह प्रक्रिया है, जिसमें एक वस्तु दूसरी वस्तु पर आकर्षण या प्रतिकर्षण बल लगाती है। जो वस्तुएँ यह गुण प्रदर्शित करती हैं, उन्हें चुम्बक कहते हैं। निकल, लोहा, कोबाल्ट एवं उनके मिश्रण आदि सरलता से पहचाने जाने योग्य चुम्बकीय गुण रखते हैं। ज्ञातव्य है कि सब वस्तुएं न्यूनाधिक मात्रा में चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति से प्रभावित होती हैं।
चुम्बकत्व अन्य रूपों में भी प्रकट होता है, जैसे विद्युतचुम्बकीय तरंग में चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति।
1.टिकॉनाल (Ticonal)- कोबाल्ट, निकल, ऐलुमिनियम इत्यादि का मिश्र धातु हैं।
2.अल्निको (Alnico)- इसमें निकल, ऐलुमिनियम, कोबाल्ट, कॉपर तथा कुछ मात्रा मे लौह धातु को मिलाया जाता हैं।
3.फेराइड चुंबक- यह चुंबक फेरिक ऑक्साइड तथा बेरियम ऑक्साइड के बने होते हैं। -ये चुंबक अधिक शक्तिशाली तथा वजन मे हल्के होते हैं।
4.कोबाल्ट स्टील (cobalt steel)- इसका निर्माण कोबाल्ट, टंगस्टन, कार्बन के मिश्रण से होता हैं। और यह स्थायी चुंबक बनाने के लिए महत्व पूर्ण हैं।
चुंबकत्व के मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं:
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चुंबक: चुंबक केवल उन पदार्थों में पाया जाता है जो चुंबकत्व की गुणवत्ता रखते हैं। प्रमुख चुंबक होते हैं, जिन्हें प्राकृतिक चुंबक और विद्युत चुंबक (इलेक्ट्रोमैग्नेट्स) में विभाजित किया जा सकता है।
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आकर्षण और पुदारण: चुंबक के दो स्थितियाँ होती हैं - आकर्षण (चुंबक के दो पोल के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास) और पुदारण (चुंबक के दो पोल के बीच की दूरी को बढ़ाने का प्रयास)। चुंबक क्षमता के आधार पर चुंबक इस प्रकार काम करते हैं।
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चुंबक पोल: चुंबक के दो प्रमुख पोल होते हैं - उत्तरी पोल और दक्षिणी पोल, जिनके बीच चुंबक क्षमता होती है।
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चुंबकत्व क्षमता: यह दर्शाता है कि चुंबक कितनी अधिक या कम अन्य पदार्थों को आकर्षित कर सकता है।
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मैग्नेटिज्म: कुछ पदार्थ चुंबकत्व की गुणवत्ता नहीं रखते, जबकि अन्य पदार्थ चुंबक होते हैं। इस गुणवत्ता को मैग्नेटिक कहा जाता है।
चुंबकत्व के अध्ययन से हम विभिन्न प्रकार के चुंबक, चुंबकीय स्थितियाँ, और उनके उपयोग को समझ सकते हैं, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए उपयोगों का विकास होता है।