साहित्य और जीवन के लेखक/निबंधकार/रचयिता
साहित्य और जीवन (Saahity Aur Jeevan) के लेखक/निबंधकार/रचयिता (Lekhak/Nibandhkar/Rachayitha) "बनारसी दास चतुर्वेदी" (Banaarasee Das Chaturvedi) हैं।
Saahity Aur Jeevan (Lekhak/Nibandhkar/Rachayitha)
नीचे दी गई तालिका में साहित्य और जीवन के लेखक/निबंधकार/रचयिता को लेखक/निबंधकार तथा निबंध के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। साहित्य और जीवन के लेखक/निबंधकार/रचयिता की सूची निम्न है:-
रचना/निबंध |
लेखक/निबंधकार/रचयिता |
साहित्य और जीवन |
बनारसी दास चतुर्वेदी |
Saahity Aur Jeevan |
Banaarasee Das Chaturvedi |
साहित्य और जीवन किस विधा की रचना है?
साहित्य और जीवन (Saahity Aur Jeevan) की विधा का प्रकार "निबंध" (Nibandh) है।
पूरा नाम |
बनारसीदास चतुर्वेदी |
जन्म |
24 दिसम्बर, 1892 |
जन्म भूमि |
फ़िरोजाबाद |
मृत्यु |
2 मई, 1985 |
कर्म भूमि |
भारत |
कर्म-क्षेत्र |
पत्रकारिता, स्वतंत्र लेखन |
प्रमुख रचनाएँ |
राष्ट्रभाषा, फिजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष, हमारे आराध्य, सेतुबन्ध, संस्मरण, रेखाचित्र आदि। |
भाषा |
हिन्दी |
बनारसीदास चतुर्वेदी का जन्म 24 दिसम्बर, 1892 को फ़िरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1913 में अपनी इंटर की परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक फर्रूखाबाद के हाईस्कूल में अध्यापन कार्य किया। फिर इंदौर के डेली कॉलेज में अध्यापक बन गए। उस समय डॉ. सम्पूर्णानंद भी वहाँ अध्यापक थे। उन्हीं दिनों इंदौर में गांधी जी की अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का वार्षिक अधिवेशन हुआ। तभी बनारसीदास चतुर्वेदी जी को गांधी जी तथा प्रमुख साहित्यकारों के संपर्क में आने का अवसर मिला। पत्रकार के रूप में वे गणेश शंकर विद्यार्थी को अपना आदर्श मानते थे। अपनी पत्रकारिता और लेखन के माध्यम से हिन्दी साहित्य की सेवा करने वाले इस महापुरुष का 2 मई, 1985 ई. को निधन हुआ।
बनारसीदास चतुर्वेदी की कृतियाँ
‘साहित्य और जीवन’, ‘रेखाचित्र’, ‘संस्मरण’, ‘सत्यनारायण कविरत्न’, ‘भारतभक्त एंड्रयूज़’, ‘केशवचन्द्र सेन’, ‘प्रवासी भारतवासी’, ‘फिज़ी में भारतीय’, ‘फिज़ी की समस्या’, ‘हमारे आराध्य’ और ‘सेतुबंध’
आशा है कि आप "साहित्य और जीवन नामक निबंध के लेखक/निबंधकार/रचयिता कौन?" के उत्तर से संतुष्ट हैं। यदि आपको साहित्य और जीवन के लेखक/निबंधकार/रचयिता के बारे में में कोई गलती मिली हो तो उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं।