कितने चौराहे के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता
कितने चौराहे (Kitane Chauraahe) के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता (Lekhak/Upanyaskar/Rachayitha) "फणीश्वर नाथ 'रेणु'" (Phaneeshvar Naath Renu) हैं।
Kitane Chauraahe (Lekhak/Upanyaskar/Rachayitha)
नीचे दी गई तालिका में कितने चौराहे के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता को लेखक/उपन्यासकार तथा उपन्यास के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। कितने चौराहे के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता की सूची निम्न है:-
रचना/उपन्यास |
लेखक/उपन्यासकार/रचयिता |
कितने चौराहे |
फणीश्वर नाथ 'रेणु' |
Kitane Chauraahe |
Phaneeshvar Naath Renu |
कितने चौराहे किस विधा की रचना है?
कितने चौराहे (Kitane Chauraahe) की विधा का प्रकार "उपन्यास" (Upanyas) है।
नाम |
फणीश्वर नाथ "रेणु" |
जन्म |
4 मार्च 1921
अररिया, बिहार, भारत |
मौत |
11 अप्रैल 1977 (उम्र 56) |
पेशा |
उपन्यासकार, संसमरणकार |
उल्लेखनीय काम |
मैला आँचल |
जीवनसाथीs |
रेखा, पद्मा और लतिका रेणु |
बच्चे |
कविता रॉय ,पद्म पराग रेणु, नवनीता, अपरजीत, दक्षिणेश्वर प्रसाद राय, वहीदा रॉय |
रेणु के उपन्यास लेखन में मैला आँचल और परती परिकथा तक लेखन का ग्राफ ऊपर की और जाता है पर इसके बाद के उपन्यासों में वो बात नहीं दिखी।
- मैला आंचल 1954
- परती परिकथा 1957
- जूलूस
- दीर्घतपा 1964
- कितने चौराहे 1966
- कलंक मुक्ति 1972
- पलटू बाबू रोड 1979
कथा-संग्रह
- ठुमरी,1959
- एक आदिम रात्रि की महक,1967
- अग्निखोर,1973
- एक श्रावणी दोपहर की धूप,1984
- अच्छे आदमी,1986
रिपोर्ताज
- ऋणजल-धनजल
- नेपाली क्रांतिकथा
- वनतुलसी की गंध
- श्रुत अश्रुत पूर्वे
प्रसिद्ध कहानियाँ
- मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम)
- एक आदिम रात्रि की महक
- लाल पान की बेगम
- पंचलाइट
- तबे एकला चलो रे
- ठेस
- संवदिया
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