सिकन्दर ने 327 ई. पू. में भारत की ओर प्रस्थान किया। वह सीस्तान और अफगानिस्तान को जीतता हुआ, काबुल घाटी से होकर भारत पर चढ़ आया, उसने हवाली को और पाश को जीता तथा हिन्दुकुश पर्वत को पार किया। यहीं से उसने अपनी सेना के दो भाग किए। सेना के एक हिस्से को अपने सेनापतियों के नेतृत्व में सिन्धु नदी पर पुल बनाने के लिए भेजा और दूसरे भाग का नेतृत्व खुद सम्भाल कर भारत की तरफ बढ़ा। सिकन्दर को तक्षशिला के राजा आंभी का सहयोग मिला जिससे उत्साहित होकर सिकन्दर ने भारत में प्रवेश किया।