रक्ताधान
रक्ताधान वह विधि है जिसमें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के परिसंचरण तंत्र में रक्त या रक्त आधारित उत्पादों जैसे प्लेटलेट्स, प्लाज्मा आदि को स्थानान्तरित किया जाता है। सबसे पहले फ्रांस के वैज्ञानिक डॉ. जीन बेप्टिस्ट डेनिस द्वारा 15 जून, 1667 में रक्ताधान सम्पादित किया। उन्होंने 15 वर्षीय एक बालक में भेड़ के रक्त से रक्ताधान करवाया था।
लेकिन इसके दस वर्ष बाद पशुओं से मानव में रक्ताधान पर रोक लगा दी गई। निम्न परिस्थितियों में रक्ताधान किया जा सकता है
- दुर्घटना के तहत लगी चोट तथा अत्यधिक रक्तस्राव होने पर।
- शरीर में गम्भीर रक्तहीनता होने पर।
- रक्त में बिम्बाणु (Platelets) अल्पता की स्थिति में।
- हीमोफीलिया के रोगियों को।
- शल्यक्रिया के दौरान ।
- दात्र कोशिका अरक्तता (Sickle Cell anemia) के रोगियों को।
रक्तदान से व्यक्तियों/रोगियों को नया जीवनदान दिया जाता है। अतः रक्तदान हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।