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Pratham Singh in Biology
आहार नाल से आप क्या समझते हैं

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Deva yadav

आहार नाल (Alimentary Canal)

मनुष्य की आहार नाल लम्बी कुण्डलित एवं पेशीय संरचना है जो मुँह से लेकर गुदा तक फैली रहती है। मनुष्य में आहार नाल लगभग 8 से 10 मीटर लम्बी होती है। आहार नाल के प्रमुख अंग निम्न हैं
(1) मुख (Mouth)
(2) ग्रसनी (Pharynx)
(3) ग्रासनली (Oesophagus)
(4) आमाशय (Stomach)
(5) छोटी आँत (Small Intestine)
(6) बड़ी आँत (Large Intestine)

1. मुख (Mouth)-मुख दो गतिशील पेशीय होठों के द्वारा घिरा होता है, जिन्हें क्रमशः ऊपरी होठ व निचला होठ कहते हैं। मुख मुखगुहा में खुलता है जो एक कटोरेनुमा होती है। मुखगुहा की छत को तालू कहते हैं। मुखगुहा की तल पर मांसल जीभ पाई जाती है। जीभ भोजन को चबाने का कार्य करती है। ऊपरी व निचले जबड़ा में 16-16 दाँत पाये जाते हैं, जो भोजन चबाने में सहायता करते हैं। दाँत चार प्रकार के होते हैं, कुंतक, रदनक, अग्र चवर्णक एवं चवर्णक।।

2. ग्रेसनी (Pharynx)-मुखगुहा पीछे की ओर एक कीपनुमा नलिका में • खुलती है, जिसे ग्रसनी कहते हैं। ग्रसनी तीन भागों में विभक्त होती है, जिन्हें क्रमशः नासाग्रसनी, मुखग्रसनी व कंठग्रसनी कहते हैं। ग्रसनी में कोई किसी प्रकार पाचन नहीं होता है। यह भोजन ग्रसीका में भेजने का कार्य करती है।

3. ग्रासनली (Oesophagus)-यह सीधी नलिकाकार होती है जो ग्रसनी को आमाशय से जोड़ने का कार्य करती है। यह ग्रीवा तथा वक्ष भाग से होती हुई तनुपट (Diaphragm) को भेदकर उदरगुहा में प्रवेश करती है और अन्त में आमाशय में खुलती है।

4. आमाशय (Stomach)-यह आहारनाल का सबसे चौडा थैलेनुमा पेशीय भाग है जिसकी आकृति ‘J’ के समान होती है। आमाशय में तीन भाग पाये जाते हैं-

  • जठरागम भाग
  • जठरनिर्गमी भाग
  • फंडिस भाग। आमाशय भोजन को पचाने का कार्य करता है।

5. छोटी आँत (Small Intestine)-आमाशय पाइलोरिक कपाट द्वारा छोटी आँत में खुलता है। मानव में इसकी लम्बाई सात मीटर होती हैं। इस भाग में भोजन का सर्वाधिक पाचन तथा अवशोषण होता है। छोटी आँत में निम्न तीन भाग पाये जाते हैं.

  • ग्रहणी (Duodenum)-यह छोटी आँत का प्रारम्भिक भाग है। इसका आकार U के समान होता है जो भोजन के रासायनिक पाचन (एंजाइमों द्वारा) में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • अग्रक्षुद्रदांत्र (Jejunum)-यह लम्बा संकरा एवं नलिकाकार भाग है। मुख्यतया अवशोषण का कार्य करता है।
  • इलियम (Illeum)-यह आंत्र का शेष भाग है। यह पित्त लवण व विटामिन्स का अवशोषण करता है।

6. बेड़ी आँत (Large Intestine)-इलियम पीछे की ओर बड़ी आँत में खुलती है। बड़ी आँत तीन भागों में विभक्त होती है-

  • अंधनाल
  • वृहदान्त्र
  • मलाशय। इसका मुख्य कार्य जल, खनिज लवणों का अवशोषण तथा अपचित भोजन को मल द्वार से उत्सर्जित करना है।

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