अलिन्द-निलय छिद्र का नियन्त्रण करने हेतु इस पर सघन तन्तुकीय ऊतक के बने भंजों का कपाट (valve) होता है। दाहिना अलिन्द-निलय कपाट तीन चपटे एवं त्रिकोणाकार से भंजों अर्थात् पल्लों (flaps) का बना होता है। इसे त्रिवलनी या ट्राइकस्पिड कपाट (tricuspid valve) कहते हैं। बायाँ अलिन्द-निलय कपाट केवल दो, अधिक बड़े, मोटे एवं मजबूत पल्लों का बना होता है। इसे द्विवलनी यो बाइकस्पिड कपाट (bicuspid valve) या मिटूल कपाट (mitral valve) कहते हैं। ये कपाट रुधिर को केवल अलिन्दों से निलयों में जाने का मार्ग देते हैं, विपरीत दिशा में जाने का नहीं।