1. कोशिका का प्रमुख अण्डाकार भाग कोशिका काय (cell body) कहलाता है। इसको शिखा कन्द (flame bulb) भी कहते हैं। इसी भाग में केन्द्रक (nucleus) होता है। इसकी सतह से लगभग सभी ओर शाखित प्रवर्द्ध (cytoplasmic processes) निकले रहते हैं जो पैरेन्काइमा में इधर-उधर फैले रहते हैं।
2. शिखा कन्द से एक ओर एक लम्बा सँकरा तथा नाल के समान भाग होता है जिसका अन्दर का खोखला भाग कन्द के अन्दर उपस्थित गुहा से सम्बन्धित होता है। यह गुहा काफी चौड़ी होती है। इसके चौरस भाग के जीवद्रव्य में छोटे-छोटे कई आधार कण (basal granules) होते हैं। जिनसे कशाभिकाएँ (flagella) निकलकर गुहा में लटकी रहती हैं तथा एक लौ के समान हर समय काँपती रहती हैं। ये आपस में गुच्छा बनाती हैं। यह गुहा सँकरी होकर एक महीने नलिका के रूप में अन्य नलिकाओं से सम्बन्धित रहती है।
ज्वाला कोशिकाएँ प्लेटीहेल्मिन्थीज समूह की उत्सर्जन इकाइयाँ होती हैं। टीनिया जैसे अन्त:परजीवी जन्तुओं में इनका कार्य स्पष्ट नहीं है।