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Pratham Singh in Chemistry
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ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बनों से होने वाली कैन्सरजनीयता तथा विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।

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Deva yadav
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ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बनों से होने वाली कैन्सरजनीयता तथा विषाक्तता

बेन्जीन एवं अनेक बहुचक्री ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन बहुत आविषालु (toxic) और कैन्सरजनी (carcinogenic) रासायनिक यौगिक हैं। कैन्सरजनी पदार्थ जैव ऊतकों में कैन्सर उत्पन्न कर सकते हैं। सिगरेट के धुएँ, कोल और पेट्रोलियम के अपूर्ण दहन के उत्पादों में चिमनियों के धुएँ एवं चिमनियों में एकत्रित काजल (soot) में कैन्सरजनी बहुचक्री ऐरामैटिक हाइड्रोकार्बन उपस्थित होते हैं।
1,2-बेन्जऐन्ग्रेसीन (IV), 9, 10-डाइमेथिल-1,2-बेन्जऐन्ट्रेसीन (V) और 1,2-बेन्जपाइरीन (VI), कैन्सरजनी पदार्थ हैं। कैन्सरजनी पदार्थ मानव-शरीर में प्रवेश करके विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाएँ करते हैं और कोशिकाओं (cells) के DNA को क्षति पहुँचाकर कैन्सर पैदा करते हैं। DNA के म्यूटेशन के परिणामस्वरूप कैन्सर होता है।
कुछ कार्बनिक पदार्थ वास्तव में स्वयं कैन्सरजनी नहीं होते, किन्तु जीव में उपाचयी क्रियाओं द्वारा सक्रिय कैन्सरजनों (carcinogens) में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रकार के यौगिक प्रोकार्सीनोजन (procarcinogens) कहलाते हैं।
1,2-बेन्जपाइरीन (VI) एक कैन्सरजनी (carcinogens) है। यह लीवर में उपस्थित एन्जाइम द्वारा एपॉक्सी डायॉल (epoxy diol) में परिवर्तित हो जाता है जो म्यूटेशन प्रेरित करता है जिसके परिणास्वरूप कुछ कोशिकाओं की अनियन्त्रित वृद्धि हो सकती है।
बेन्जीन एक कैन्सरजुनी यौगिक है। लीवर में उपस्थित एन्जाइम द्वारा बेन्जीन का बेन्जीन ऑक्साइड में ऑक्सीकरण होता है। बेन्जीन ऑक्साइड़ और उससे व्युत्पन्न यौगिक कैन्सरजनी हैं और DNA से क्रिया करके म्यूटेशन प्रेरित कर सकते हैं।

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