बहुलकी या जटिल हाइड्राइड
Al, B, Be, Co, Ni तथा Cu (वे तत्व जिनकी विद्युत ऋणात्मकता 1.4 से 2.0 के मध्य होती है) के हाइड्राइड बहुलीकृत होकर बहुलक बनाते हैं क्योंकि इन हाइड्राइडों के केन्द्रीय परमाणु (धातु आयन) के संयोजी कोश में इलेक्ट्रॉनों का अष्टक पूर्ण नहीं होता, अर्थात् ये हाइड्राइड इलेक्ट्रॉन न्यून होते हैं या इनके धातु कोश जालक अपने अन्तराकाश में परमाण्वीय हाइड्रोजन को ही स्थान दे पाते हैं।
ऐसे हाइड्राइडों में दो या अधिक धातु परमाणु आपस में हाइड्रोजन सेतु द्वारा जुड़े रहते हैं। जैसे-(BeH2)n, (AlH3) तथा B2H6 आदि।
Be, Al व B के बहुलक हाइड्राइडों को सहसंयोजक हाइड्रोइड बनाने की विधियों द्वारा बनाया जा सकता है, जबकि Cu, Co तथा Ni के हाइड्राइड अन्तराकाशी हाइड्राइड बनाने की विधियों द्वारा बनाए जा सकते हैं।
बेरिलियम हाइड्राइड को BeCl2 की LiH से शुष्क ईथर की उपस्थिति में अभिक्रिया द्वारा बनाया जा सकता है।
बहुलक हाइड्राइड गर्म करने पर तत्वों में विघटित हो जाते हैं। इलेक्ट्रॉन न्यून हाइड्राइड MH–4 प्रकार के ऋणायन बनाते हैं (M = B, Be, Al)। ये अच्छे अपचायक होते हैं। इनकी संरचना इनमें उपस्थित तत्व की प्रकृति पर निर्भर करती है।