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पायसों का निर्माण से आप क्या समझते हैं

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पायसों का निर्माण 

दो द्रवों को प्रबल रूप से मिश्रित करके पायस बनाये जा सकते हैं। दो द्रवों को मिश्रित करने के लिये उच्च गति की मिश्रण मशीन (high speed mixing machine) या अल्ट्रासोनिक वाइब्रेटर (ultrasonic vibrator) का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रम को पायसीकरण (emulsification) कहते हैं। चूंकि पायसों को बनाने में प्रयुक्त दोनों द्रव एक-दूसरे में अमिश्रणीय होते हैं अतः पायस को बनाने में एक स्थायीकारक की आवश्यकता होती है, जिसे पायसीकारक (emulsifier) कहा जाता है। पायसीकारक को घटक द्रवों के साथ मिलाया जाता है। o/w प्रकार के पायस के लिए प्रमुख पायसीकारक प्रोटीन, गोंद, प्राकृतिक एवं संश्लेषित साबुन आदि हैं जबकि w/o प्रकार के पायस के लिए वसीय अम्लों के भारी धातुओं के लवण, लंबी श्रृंखला वाले ऐल्कोहॉल, काजल (lamp black) आदि प्रमुख पायसीकारक हैं।

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