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Pratham Singh in इतिहास
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शिवाजी के शासन प्रबन्ध के विषय में लिखिए।

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Deva yadav
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शिवाजी ने एक स्वतन्त्र मराठा राज्य स्थापित किया था। उन्होंने अपने स्वराज्य का शासन-प्रबन्ध निम्नलिखित ढंग से किया

  1. अष्ट प्रधान- पूरे साम्राज्य का मुखिया राजा था। उसे ‘छत्रपति’ कहते थे। राजा के अनेक अधिकार थे। वह अपनी इच्छा से कोई भी शासन-संबंधी कार्य कर सकता था। शिवाजी ने अपनी सहायता के लिए आठ मन्त्री नियुक्त किए। इन मंत्रियों के समूहों को अष्ट-प्रधान कहा जाता था। प्रधानमन्त्री को पेशवा कहते थे।

  2. न्याय प्रबन्ध- शिवाजी बड़े न्यायप्रिय थे। उन्होंने न्याय के लिए पंचायतों की व्यवस्था की। वे अपील स्वयं सुनते थे। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शिवजी ने अपने स्वराज्य’ का शासन प्रबन्ध बड़े अच्छे ढंग से चलाया।

  3. सैनिक प्रबन्ध- शिवाजी एक कुशल सैनिक भी थे। इसलिए उन्होंने मजबूत सेना का संगठन किया। सैनिकों को नकद वेतन दिया जाता था। सेना में कड़ा अनुशासन था। कोई भी सैनिक युद्ध में स्त्री साथ नहीं ले जा सकता था, उन्हें जीते हुए प्रदेशों में भी स्त्रियों का अपमान करने की आज्ञा नहीं थी। सभी सैनिकों को युद्ध में लूटी हुई सम्पत्ति का हिसाब देना पड़ता था।

  4. भूमि का प्रबन्ध- सैनिकों में वेतन तथा अन्य खर्चा के लिए शिवाजी ने नए सिरे से भूमि का प्रबन्ध किया। उन्होंने सारी भूमि को फिर से नेपवाया और उपज के अनुसार भूमि-कर निश्चित किया। इसके अतिरिक्त मुगल क्षेत्रों से ‘चौथ’ भी ली जाती थी।

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