in भूगोल
edited
ज्वारीय वनों की तीन विशेषताएँ बताइए।

1 Answer

0 votes

edited

 

ज्वारीय वनों की तीन विशेषताएँ

  1. ज्वारीय क्षेत्र में मिलने के कारण इन वनों को ज्वारीय वन कहा जाता है। ज्वारीय वन सुंदरी नामक वृक्षों के लिए प्रसिद्ध हैं। अतः इन वनों को सुंदरी वन भी कहा जाता है। सुंदरी, ताड़, गरान (मैंग्रोव) आदि इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं। ऐसे वन गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, कृष्णा, गोदावरी और महानदी के डेल्टा प्रदेशों में मिलते हैं। व्यापारिक दृष्टि से इन वनों का विशेष महत्त्व है।

  2. ये वन तट के सहारे नदियों के ज्वारीय क्षेत्र में पाए जाते हैं।

  3. ज्वारीय क्षेत्र में मीठे व ताजे जल का मिलन होता है। अतः इन वनों के वृक्षों में, ऐसे जल में पनपने की क्षमता होती है।

  4. सुंदरी नामक वृक्ष इस वन का प्रमुख वृक्ष है।

  5. ज्वारीय वन खारे और ताजे पानी दोनों में पनप सकते हैं।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...