हिमालय के दक्षिण से विशाल मैदान का विस्तार आरम्भ हो जाता है। इस मैदान की उत्पत्ति नूतन काल में हुई है। यह मैदान रोचक भू-लक्षणों से युक्त है। इसकी उत्तरी सीमा पर गिरिपाद मैदान स्थित है जो महीन मलबे और मोटे कंकड़ों से बना है, जिन्हें भाबर कहते हैं। इस मैदान के दक्षिण में तराई का मैदान मिलता है। इस मैदान के प्राचीन जलोढ़कों को बांगर तथा नवीन जलोढ़कों को खादर कहते हैं। विशाल मैदान में कहीं-कहीं गर्त भी पाए जाते हैं। पटना के निकट के गर्त को जिल्ला तथा मोकाम के निकट के गर्त को ‘ढाल’ कहते हैं। इस मैदान में जलोढ़ झीलें हैं जिनका स्थानीय नाम ‘बिल’ हैं।