बरखान या अर्द्ध-चन्द्राकार बालू के टीकों (Parabolic Sand-dunes) की आकृति अर्द्ध-चन्द्राकार होती है, इसलिए इन्हें बरखान या चापाकार टीलों की नाम से भी पुकारा जाता है। इन टीलों का निर्माण तीव्रगामी पवन के मार्ग में अचानक बाधा उपस्थित हो जाने के फलस्वरूप होता है। इनकी भुजाएँ। लम्बाई में पवन की दिशा की ओर फैली हुई होती हैं। इन टीलों का वायु की दिशा की ओर का ढाल उत्तल अर्थात् मन्द तथा विपरीत दिशी का ढाल अवतल अर्थात् तीव्र होता है। जहाँ वायु सभी दिशाओं से चलती है, वहाँ इनका आकार गोलाकार हो जाता है। ये टीले समूह में पाए जाते हैं। अफ्रीका के सहारा मरुस्थल में अर्द्ध-चन्द्राकार बालू की टीलों की प्रधानता मिलती है।