in भूगोल
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भूसंचलन प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।

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भूसंचलन

भूपटल पर पाए जाने वाले विविध स्थलरूपों के विकास में भूसंचलन का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भूसंचलन पृथ्वी की आन्तरिक एवं बाह्य शक्तियों की पारस्परिक क्रिया द्वारा सम्पन्न होता है। आन्तरिक शक्तियाँ भूगर्भ से तथा बाह्य शक्तियाँ वायुमण्डल से सम्बन्धित हैं। आन्तरिक शक्तियों द्वारा धरातल पर पर्वत, पठार, मैदान आदि अनेक स्थलरूपों का निर्माण होता है; अतः इन्हें संरचनात्मक बल कहा जाता है। इसके विपरीत बाह्य शक्तियों को विनाशात्मक बल कहा गया है, क्योंकि ये चट्टानों को विदीर्ण करके अपने स्थान से हटाकर अन्यत्र एकत्रित करती रहती हैं। अत: भूसंचलन प्रकृति के परिवर्तनशील स्वभाव का परिचायक है जो पृथ्वी पर उसकी आन्तरिक एवं बाह्य शक्तियों द्वारा विविध स्थलरूपों के निर्माण एवं विनाश के रूप में प्रकट होता है।

भूसंचलन प्रकृति की परिवर्तनशीलता का परिचायक है। यह प्रक्रिया पृथ्वी की आन्तरिक एवं बाह्य शक्तियों द्वारा सम्पन्न होती है।

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