अनुगमन वेग (अपवाह वेग)
किसी धातु के तार के सिरों को बैटरी से जोड़ देने पर तार के सिरों के बीच एक विभवान्तर स्थापित हो जाता है। इस विभवान्तर अथवा वैद्युत-क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन एक वैद्युत बल का अनुभव करते हैं जो इलेक्ट्रॉनों को त्वरण प्रदान करता है। परन्तु इस त्वरण से इलेक्ट्रॉनों की चाल लगातार बढ़ती नहीं जाती, बल्कि धातु के धन आयनों से टकराकर ये इलेक्ट्रॉन बैटरी से प्राप्त ऊर्जा को खोते रहते हैं। स्पष्ट है कि बैटरी का विभवान्तर इलेक्ट्रॉनों को त्वरित गति प्रदान नहीं कर पाता बल्कि तार की लम्बाई के अनुदिश एक लघु नियत वेग ही दे पाता है जो इलेक्ट्रॉनों की अनियमित गति पर आरोपित हो जाता है। इलेक्ट्रॉनों के इस लघु नियत वेग को ही ‘अनुगमन वेग’ (drift velocity) कहते हैं।