ट्रांसफॉर्मर, डायनमो तथा मोटर की आमेचर कुण्डलियों की क्रोड नर्म लोहे की बनी होती हैं। जब इन यन्त्रों में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित होती है तो क्रोड से बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है, जिससे क्रोड में भंवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं और वे गर्म हो जाते हैं। इस प्रकार वैद्युत ऊर्जा का ऊष्मीय ऊर्जा में हास होने लगता है। इस हास ( भंवर धाराओं) को कम करने के लिए क्रोड को नर्म लोहे के एक अकेले टुकड़े के रूप में न लेकर, नर्म लोहे की कई पतली-पतली पत्तियों को वार्निश द्वारा जोड़कर आवश्यक मोटाई बना लेते हैं। इस प्रकार की क्रोड, पटलित क्रोड (laminated core) कहलाती है। ऐसा करने से क्रोड का प्रतिरोध बढ़ जाता है तथा मँवर धाराएँ क्षीण हो जाती हैं, फलस्वरूप ऊर्जा ह्रास कम हो जाता है।