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आँख का दूर दृष्टि दोष क्या है? इसका निवारण कैसे किया जाता है?

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दूर-दृष्टि दोष 

दूर दृष्टि दोष मनुष्य की आँख को वह दोष है, जिसमें मनुष्य दूर की वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है; परन्तु पास की वस्तुएँ स्पष्ट दिखायी नहीं पड़तीं। इसके निम्न दो कारण हो सकते हैं-

  1. नेत्र लेन्स की फोकस दूरी अधिक हो जाए अर्थात् लेन्स पतला हो जाए।
  2. आँख के गोले का व्यास कम हो जाए अर्थात् नेत्र लेन्स व रेटिना के बीच की दूरी कम हो जाए।

इन कारणों से पास की वस्तुओं के प्रतिबिम्ब रेटिना पर न बनकर उसके पीछे बनते हैं  दूसरे शब्दों में, नेत्र का निकट बिन्दु 25 सेमी से अधिक दूर हो जाता है।

दोष का निवारण- चूँकि इस दोष में नेत्र लेन्स की फोकस दूरी बढ़ जाती है जिससे नेत्र लेन्स कम अभिसारी (converging) हो जाता है; अतः इस दोष को दूर करने के लिए एक-ऐसा लेन्स प्रयुक्त करना चाहिए जिससे वह अधिक अभिसारी हो जाए। इस दोष को दूर करने के लिए उपयुक्त फोकस दूरी का उत्तल लेन्स प्रयुक्त करते हैं ताकि इस लेन्स तथा नेत्र-लेन्स की संयुक्त फोकस दूरी इतनी हो जाये कि प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनने लगे।माना सामान्य आँख का निकट बिन्दु  तथा दूर दृष्टि से पीड़ित आँख का निकट बिन्दु  पर है। प्रयुक्त उत्तल लेन्स  पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब  पर बनाने लगे, तब प्रतिबिम्ब  नेत्र लेन्स के लिए वस्तु का कार्य करेगा तथा नेत्र लेन्स अन्तिम प्रतिबिम्ब रेटिना पर बना देगा। इस प्रकार उचित फोकस दूरी का उत्तल लेन्स प्रयुक्त करने पर सामान्य निकट बिन्दु  पर रखी वस्तु भी आँख को स्पष्ट दिखाई देगी 

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