प्रकाश का अपवर्तन
जब प्रकाश एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है, तो दूसरे माध्यम में जाने पर इसका वेग तथा दिशा बदल जाती है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं।
अपवर्तन के नियम
प्रकाश का अपवर्तन निम्न दो नियमों के अनुसार होता है-
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) किन्हीं दो माध्यमों के लिए तथा एक निश्चित रंग (तरंगदैर्ध्य) के प्रकाश के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की ज्या की निष्पत्ति एक नियतांक होती है। यदि आपतन कोण i व अपवर्तन कोण r हैं, तो
= नियतांक
इस नियम को स्नेल का नियम (Snell’s Law) कहते हैं तथा इस नियतांक को पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक (refractive index) कहते हैं। यदि पहले व दूसरे माध्यम : को 1 व 2 से निरूपित करें, तो माध्यम 2 का 1 के सापेक्ष अपवर्तनांक 17 से प्रदर्शित करते हैं।
इस प्रकार
=
किसी पदार्थ का अपवर्तनांक (i) माध्यम की प्रकृति, (ii) माध्यम की भौतिक अवस्था, (iii) प्रकाश के रंग तथा (iv) माध्यम के ताप पर निर्भर करता है।