ऊष्मा का प्रवाह सदैव ऊँचे ताप वाली वस्तु से नीचे ताप वाली वस्तु में होता है और यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कि दोनों वस्तुओं के ताप समान नहीं हो जाते। इस क्रिया में बाहर से ऊष्मा का आदान-प्रदान न हो तो एक वस्तु द्वारा दी गई ऊष्मा, दूसरी वस्तु द्वारा ली गई ऊष्मा के बराबर होगी। यही कैलोरीमिति का सिद्धान्त है। इस सिद्धान्त के अनुसार, गर्म वस्तु द्वारा दी गई ऊष्मा = ठण्डी वस्तु द्वारा ली गई ऊष्मा।