अप्रगामी तरंगें
1. ये तरंगें माध्यम में दो परिसीमाओं के बीच अपने स्थानों पर ही बनी रहती हैं।
2. इन तरंगों द्वारा माध्यम में ऊर्जा संचरित नहीं होती है।
3. इन तरंगों में माध्यम के सभी कण कम्पन नहीं करते हैं तथा प्रत्येक कण का कम्पन आयाम भी बराबर नहीं होता है। आयाम का मान निस्पन्द पर शून्य तथा प्रस्पन्द पर अधिकतम होता है।
4. इन तरंगों में एक आवर्तकाल में दो माध्यम के सभी कण एक साथ अपनी साम्य स्थितियों से गुजरते हैं।
प्रगामी तरंगें
1. ये तरंगें माध्यम में एक निश्चित वेग से आगे बढ़ती हैं।
2. इन तरंगों द्वारा माध्यम में ऊर्जा संचरित होती है।
3. इन तरंगों में माध्यम का प्रत्येक कण अपनी साम्य सिथति के दोनों ओर कम्पन करता है तथा प्रत्येक कण का कम्पन आयाम बराबर होता है।
4. इन तरंगों में किसी भी क्षण माध्यम के बाद सभी कण एक साथ अपनी साम्य स्थितियों से नहीं गुजरते हैं।