विद्युत विभव
अनन्त से इकाई धनावेश को विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का विद्युत विभव कहते हैं। (अनन्त पर विद्युत विभव शून्य माना जाता है){ विद्युत विभव एक अदिश राशि है। इसे V से व्यक्त करते हैं।
V=W/q0
मात्रक
SI मात्रक जूल/ कूलाम = वोल्ट
C.G.S. मात्रक = e.s.u. या स्थैत वोल्ट 1 वोल्ट =1 /300 स्थैत वोल्ट
विमाएँ
V= M L T-3 A -1
विद्युत विभव के प्रकार : आवेश की प्रकृति के आधार पर विभव के दो प्रकार हैं
1. धनात्मक विभव : धन आवेश के कारण
२. ऋणात्मक विभव : ऋणात्मक आवेश के कारण
बिन्दु आवेशों के कारण विद्युत विभव
चित्रानुसार कई आवेशों के कारण बिन्दु च् पर विभव
ए सामान्य रुप में
दो समान परिमाण व विपरीत प्रकृति के आवेशों के मध्य बिन्दु पर विभव V = 0 परन्तु 
दो समान एवं एक ही प्रकृति के आवेशों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर
परन्तु E = 0