हीराकुद बाँध ओडीसा में महानदी पर निर्मित एक बाँध है। यह सम्बलपुर से 15 किमी दूर है। इस बाँध के पीछे विशाल जलाशय है। यह परियोजना भारत में शुरू की गयी कुछ आरम्भिक परियोजनाओं में से एक है। 1957 में महानदी पर निर्मित यह बाँध संसार के सबसे लंबे बांधों में से एक है। इसकी कुल लम्बाई 25.8 किमी० है। बाईं ओर लामडूंगरी पहाड़ी से लेकर 4.8 किमी० दूर चंदीली पहाड़ी तक मुख्य बाँध है। इसके दोनों तरफ दो अवलोकन मीनार हैं ;गाँधी मीनार व नेहरू मीनार। इसके जलाशय की तट रेखा 639 किमी० लम्बी है। इस बाँध को बनाने में इस्तेमाल हुए मृदा , कंक्रीट व अन्य सामग्री से कश्मीर से कन्याकुमारी तथा अमृतसर से डिब्रूगढ़ तक करीब आठ मीटर चौड़ी सड़क बनाई जा सकती थी। हीराकुण्ड की झील एशिया की सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील है। इस बांध की लंबाई 4801मीटर ह जिसमे 810 करोड़ घन मीटर जल संचित होता ह इसका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण एवं विद्युत उत्पादन करना है। यह बांध विश्व का सबसे बड़ा बांध है। हीराकुंड परियोजना पर हीराकुंड के अलावा दो और बांध उपस्थिति है
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