ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपना पहला कारख़ाना सूरत में स्थापित किया था। यह कारख़ाना 1600 में स्थापित किया गया था और यह कंपनी के व्यापार की आधारशिला के रूप में कार्य करता था। इस कारख़ाने में विभिन्न प्रकार की वस्त्रों का उत्पादन किया जाता था जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापार को बढ़ाने में मदद करते थे।
सूरत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रमुख व्यापारिक और नौसेना के कार्यालय के रूप में भी उपयोग होता था और इसे इस समय की एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और कांसूलीय नगर माना जाता था।
इसके बाद, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के विभिन्न भागों में अपने कारख़ाने स्थापित किए और व्यापार को बढ़ाने के लिए और वस्त्र और अन्य उत्पादों का निर्माण करने की क्षमता बढ़ाई।
यह सूरत कारख़ाना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में कारख़ानों के प्रारंभिक स्थापनाओं में से एक था और यह भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ब्रिटिश साम्राज्य के व्यापारिक और आर्थिक प्रवृत्तियों की एक प्रतीक था।