ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन काल का अंतिम गवर्नर जनरल लॉर्ड चार्ल्स जॉन कैनिंग (Charles John Canning) थे। वह इस पद पर 1856 से 1858 तक रहे थे।
लॉर्ड कैनिंग का कार्यकाल भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण था क्योंकि उनके कार्यकाल में 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रारंभ हुआ था, जिसे आमतौर पर "सिपाही मुटिनी" या "भारतीय महासंग्राम" के रूप में जाना जाता है। इस संग्राम के दौरान भारतीय सिपाहियों और भारतीय जनता ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह किया था।
लॉर्ड कैनिंग की शासन काल में सिपाही मुटिनी के बाद ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त किया और 1858 में ब्रिटिश सरकार ने भारत के प्रांतों का सीधा नियंत्रण अपने अधीन लिया। इसके बाद, भारत ब्रिटिश राज का एक हिस्सा बन गया और इसे ब्रिटिश भारत कहा गया।
लॉर्ड कैनिंग ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उपयुक्त उपायों का प्रयास किया और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को शांति से समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए। इसके बावजूद, उनके कार्यकाल में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नियंत्रित करने में सफल नहीं हो सकी और बाद में इसे बढ़ते हुए स्वतंत्रता संग्राम के रूप में देखा गया।