सांसारिक दुःखों से मुक्ति हेतु बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग पर चलने की बात कही है। अष्टांग मार्ग भगवान बुद्ध की प्रमुख शिक्षाओं में से एक है जो दुखों से मुक्ति पाने एवं तथ्य-ज्ञान के साधन के रूप में बताया गया है। अष्टांग मार्ग के सभी 'मार्ग' , 'सम्यक' शब्द से आरम्भ होते हैं। बौद्ध प्रतीकों में प्रायः अष्टांग मार्गों को धर्मचक्र के आठ ताताड़ियो द्वारा निरूपित किया जाता है।