जहाँगीर के शासनकाल में अस्मत बेगम, एत्मादुद्दौला तथा आसफ खाँ नूरजहाँ के गुट के प्रमुख सदस्य थे। विवाह के बाद नूरजहाँ ने ‘नूरजहाँ गुट’ का निर्माण किया। इस गुट के महत्त्वपूर्ण सदस्य थे- नूरजहाँ बेगम, एत्मादुद्दौला या मिर्ज़ा गियासबेग़ (नूरजहाँ का पिता), अस्मत बेगम (नूरजहाँ की माँ), आसफ़ ख़ाँ (नूरजहाँ का भाई) एवं शाहज़ादा ख़ुर्रम (बाद में शाहजहाँ)। यह गुट मुग़ल दरबार में जहाँगीर के विवाह के तुरन्त बाद ही सक्रिय हो गया, जिसका प्रभाव 1627 ई. तक रहा।