मास्की / गुर्जरा से अशोक को पहचाना गया।
- अशोक का पूरा नाम अर्थात देवनाम प्रियदर्शी अशोक को मास्की अभिलेख में पाया गया था।
- यह कर्नाटक के रायचूर जिले में तुंगभद्रा और कृष्णा के दोआब के पास स्थित है।
- यह दोआब चालुक्यों और चोलों, विजयनगर और बहमनी जैसे विभिन्न साम्राज्यों के बीच एक चुनावी भूमि रही है।
अशोक को पहचानने के लिए प्रमुख अभिलेख उनके द्वारा बनवाए गए अशोकान शिलालेखों में से हैं। ये अभिलेख मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल के हैं और विभिन्न भाषाओं में लिखे गए हैं, जिनमें प्राकृत और ब्राह्मी भाषा का उपयोग किया गया था। इन अभिलेखों में अशोक अपने शासन के फैलाव को, उनके धर्मिक धार्मिक दृष्टिकोण को, और उनके धर्म से संबंधित कार्यों को विस्तार से व्यक्त करते हैं।
इन अशोकान शिलालेखों के द्वारा ही अशोक के धर्मिक प्रचार और धर्मिक धार्मिक दृष्टिकोण की जानकारी मिली है, और उन्हें एक महान और उदात्त सम्राट के रूप में पहचाना जाता है।